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*🥀 नमाज़ हर मोमिन मुसलमान पर फर्ज है 🥀*



*✔️ पार्ट 59*

✏️ (11) हश्फ़ा औरत के आगे या पीछे के मक़ाम में दाखिल हो जाये तो दोनों पर गुस्ल फर्ज़ हो जाता है।
हश्फ़ा यानी ज़कर (मर्द के आले) का सर (आगे का हिस्सा) और सिर्फ़ दाखिल करने से ही गुस्ल फर्ज़ हो जायेगा चाहे शहवत हो या ना हो, मनी निकले या ना निकले।
इस में एक शर्त ये है कि मर्दो औरत दोनों मुकल्लफ़ हों (यानी बालिग और आक़िल हों।)

अगर एक बालिग है और एक नाबालिग तो जो बालिग है उस पर गुस्ल फर्ज़ होगा और नाबालिग पर नहीं लेकिन नाबालिग को भी गुस्ल करने का हुक्म है।
अगर लड़का बालिग है और लड़की नाबालिग तो लड़के पर गुस्ल फर्ज़ होगा और लड़की बालिग है लड़का नाबालिग तो लड़की पर फर्ज़ होगा लेकिन गुस्ल का हुक्म सब को है।

(12) अगर औरत ने अपनी शर्मगाह में उंगली डाली या कोई और चीज़ डाली तो जब तक इंज़ाल ना हो यानी मनी ना निकले गुस्ल फर्ज़ नहीं होगा।

*जारी है.......*



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*🏁 मसलके आला हजरत 🔴*

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