नमाज़ हर मोमिन मुसलमान पर फर्ज है

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*🥀 नमाज़ हर मोमिन मुसलमान पर फर्ज है 🥀*



*✔️ पार्ट 38*

✏️ जुबानी क़ुरआन पढ़ने के लिये, हदीस और इल्मे दीन पढ़ने और पढ़ाने के लिये,
जुम्आ व ईदैन के इलावा खुत्बों के लिये,
कुतुबे दीनिया छूने के लिये,
झूट बोलने, गाली देने और फहश बोलने के बाद,
काफ़िर का बदन छू जाने पर,
सलीब या बुत छू जाने पर,
कोड़ी या सफ़ेद दाग वाले से मस करने पर,
बगल खुजाने से जब कि इस में बदबू हो,
गीबत करने, क़हक़हा लगाने, लग्व अशआर पढ़ने और ऊँट का गोश्त खाने के बाद,
किसी औरत के बदन से बे-हाइल मस हो जाने पर और बा वुज़ू शख्स के लिये नमाज़ पढ़ने के लिये वुज़ू करना मुस्तहब है।

जब वुज़ू टूट जाये तो वुज़ू कर लेना मुस्तहब है।

नाबालिग पर वुज़ू फर्ज़ नहीं लेकिन उन से करवाना चाहिये ताकि सीखें।

अगर लोटे से वुज़ू करें तो लोटे की टूँटी ना ज़्यादा तंग हो कि कम पानी गिरे ना ज़्यादा फराख हो कि पानी ज़्यादा गिरे बल्की दरमियानी हो।
नल को भी इतना ही खोलें जितनी ज़रूरत है, ज़्यादा खोल कर पानी बहाना जाइज़ नहीं।
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*जारी है.......*



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*🏁 मसलके आला हजरत 🔴*

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