नमाज़ हर मोमिन मुसलमान पर फर्ज है
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*🥀 नमाज़ हर मोमिन मुसलमान पर फर्ज है 🥀*
*✔️ (पार्ट 01)*
✏️ नमाज़ हर मुकल्लफ़ पर फर्ज़ है। मुकल्लफ़ उसे कहते हैं जिस पर शरीअ़त का हुक्म लागू होता हो या जिस पर शरई हुक्म की पाबन्दी लाज़िम हो।
अगर कोई नाबालिग है या पागल है तो वो मुकल्लफ़ नहीं यानी शरीअ़त का हुक्म उस पर लागू नहीं होता।
ये ऐसा फर्ज़ है कि जो इस की फर्ज़िय्यत का इंकार करे यानी कोई कहे कि मैं नमाज़ को फर्ज़ नहीं मानता तो वो काफ़िर हो जायेगा। नमाज़ ना पढ़ना अलग बात है लेकिन इसे फर्ज़ ना मानना अलग बात है।
जो जान बूझ कर नमाज़ छोड़ते हैं यानी कोई मजबूरी या उज़्र उन के पास नहीं होता तो ऐसा शख्स फासिक़ है।
इस्लामी हुकूमत होती तो ऐसे लोगों को क़ैद करने का हुक्म है बल्कि क़त्ल करने का हुक्म भी है, इस से मालूम होता है कि नमाज़ की अहमिय्यत क्या है।
*🔛 जारी है.....*
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*🏁 मसलके आला हजरत 🔴*
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