नमाज़ हर मोमिन मुसलमान पर फर्ज है

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*🥀 नमाज़ हर मोमिन मुसलमान पर फर्ज है 🥀*



*✔️ (पार्ट 04)*

✏️ नमाज़ की पहली शर्त है तहारत यानी पाकी।
नमाज़ पढ़ने वाला, उस का जिस्म नजासतों से, उस के कपड़े और जिस जगह नमाज़ पढ़ रहा है, सब का पाक होना ज़रूरी है।

पाकी नापाकी के बहुत सारे मसाइल हैं, मस्लन हदसे अकबर क्या है? हदसे असगर क्या है? और इन के लिये कौन सी तहारत ज़रूरी है? फिर नजासते खफीफ़ा और गलीज़ा का फर्क़ भी जानना ज़रूरी है कि एक दिरहम और एक चौथाई का क़द्रे माना होना समझ आ जाये।

अब हम नमाज़ की पहली शर्त यानी तहारत पर तफ़सील से कलाम करेंगे फिर दूसरी शर्त की तरफ़ बढ़ेंगे।

सब से पहले आसान लफ्ज़ों में जान लीजिये कि नापाकी दो तरह की होती है, एक को हदसे असगर और एक को हदसे अकबर कहते हैं।
इसे आप यूँ समझ लें कि एक छोटी नापाकी होती है जिसका हुक्म हल्का होता है और एक बड़ी नापाकी होती है जिसका हुक्म भारी होता है।

छोटी नापाकी से पाकी हासिल करने के लिये तहारते सुगरा यानी वुज़ू काम आता है और बड़ी नापाकी को दूर करने के लिये तहारते कुबरा यानी गुस्ल।

अगर छोटी नापाकी हुई तो छोटी तहारत से पाक होंगे और बड़ी नापाकी हुई तो बड़ी तहारत से पाक होंगे।

*🔛 जारी है........*



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*🏁 मसलके आला हजरत 🔴*

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