नमाज़ हर मोमिन मुसलमान पर फर्ज है
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*🥀 नमाज़ हर मोमिन मुसलमान पर फर्ज है 🥀*
*✔️ (पार्ट 12)*
मुँह धोना एक बार फर्ज़ है यानी जहाँ से बाल उगते हैं वहाँ से नीचे के दाँत उगने की जगह तक और एक कान की लौ से दूसरे कान की लौ तक, ये मुँह की हद (Boundaries) हैं।
अब अगर कोई चंदला है यानी आधे सर के बाद बाल उगते हैं तो उस पर वहाँ तक धोना फर्ज़ नहीं बल्कि वहीं तक है जहाँ से आदतन (Normally) बाल उगते हैं और अगर किसी के ज़्यादा बाल उगते हैं यानी आदत से ज़्यादा हैं तो फिर जो ज़्यादा हैं उन की जड़ों तक धोना फर्ज़ है।
मूँछ, दाढ़ी और बिच्ची (जो बाल होंटों और ठोड़ी के बीच होते हैं) और भवें अगर घनी हो कि जिल्द (चमड़ा) नज़र ना आता हो तो चमड़े का धोना फर्ज़ नहीं बल्कि बालों को धोना फर्ज़ है और अगर बाल घने ना हों तो जिल्द का धोना भी फर्ज़ है।
अगर मूँछें घनी हों और बड़ी हों जो लबों (होंटों) को छुपा ले तो भी उन्हें हटा कर लबों को धोना फर्ज़ है।
दाढ़ी अगर घनी ना हो और जिल्द नज़र आती हो तो जिल्द का धोना फर्ज़ है और अगर दाढ़ी बड़ी और घनी है तो गले की तरफ नीचे दबाने के बाद जो बाल चेहरे के अंदर आते हैं उन का धोना फर्ज़ है यानी उन बालों को धोना है जिल्द को नहीं और जो चेहरे से बाहर नीचे हों उनका धोना ज़रूरी नहीं।
अगर कहीं छोटे बाल और कहीं बड़े हों तो जहाँ छोटे हैं वहाँ जिल्द का और जहाँ बड़े हैं वहाँ बालों का धोना फर्ज़ है।
*✔️ जारी है.......*
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*🏁 मसलके आला हजरत 🔴*
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