नमाज़ हर मोमिन मुसलमान पर फर्ज है

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*🥀 नमाज़ हर मोमिन मुसलमान पर फर्ज है 🥀*



*✔️ (पार्ट 14)*

✏️अब आते हैं वुज़ू के दूसरे फर्ज़ की तरफ़ यानी हाथ धोना।
हाथ में कोहनियाँ भी दाखिल हैं अगर कोहनियों से ले कर नाखून तक एक ज़र्रा भी कहीं धुलने से बाक़ी रह जाये तो वुज़ू नहीं होगा, लिहाज़ा एहतिय्यात ज़रूरी हैं

हाथ में गहने, छल्ले, कड़ा, कंगन, अँगूठी, चूड़ी वग़ैरह हों तो अगर इनके नीचे पानी नहीं जाता तो इसे उतार कर पानी बहाना फर्ज़ है वरना वुज़ू नहीं होगा और अगर हल्का ढीला है कि हिलाने से पानी चला जाता है तो हिलाना ज़रूरी है और अगर ज़्यादा ढीला है कि बगैर हिलाये पानी चला जाता है तो हिलाना भी ज़रूरी नहीं।

उंगलियों की घैया, करवटें और नाखूनों के अंदर के ऊपर वाला हिस्सा फिर कलाई के बाल और हर गोशे को धोना ज़रूरी है।

अगर किसी की पाँच से ज़्यादा उंगलियाँ हैं तो सबका धोना फर्ज़ है।
अगर एक काँधे से दो हाथ निकले हुये हों तो जो पूरा हो सिर्फ़ उसे धोना फ़र्ज़ है। और अगर उस दूसरे हाथ का वो हिस्सा भी इस में शामिल है जिसे वुज़ू में धोना फर्ज़ है तो उसे भी धोना फर्ज़ है और अलग है तो फर्ज़ नहीं बल्कि मुस्तहब है यानी बेहतर है।

इसके बाद अगला फर्ज़ है सर का मसहा करना।
पूरे सर का मसहा करना सुन्नते मुअ़क्किदा है और एक चौथाई (One Fourth, 1/4) यानी 25% सर का मसहा करना फर्ज़ है। आप के सर के चार हिस्से करने पर जो एक हिस्सा आता है उतना धोना फर्ज़ है वरना वुज़ू नहीं होगा।

*✔️ जारी है.......*



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*🏁 मसलके आला हजरत 🔴*

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