नमाज़ हर मोमिन मुसलमान पर फर्ज है
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*🥀 नमाज़ हर मोमिन मुसलमान पर फर्ज है 🥀*
*✔️ (पार्ट 05)*
✏️ तहारत के बारे में हम पूरी तफ़सील बयान करेंगे लेकिन उससे पहले कुछ इस्तिलाहात जान लें क्योंकि आगे इनका इस्तिमाल बहुत ज़्यादा होगा।
शरीअ़त में हर काम एक जैसा नहीं है बल्कि उसे कई हिस्सों में बाँटा गया है, सब का नाम अलग है और सब का हुक्म भी अलग है।
कुछ काम अच्छे हैं जिन्हें करने पर सवाब मिलता है और कुछ बुरे हैं जिनसे गुनाह मिलता है।
हर अच्छा काम आपस में बराबर नहीं है यानी किसी में कम नेकी है तो किसी में ज़्यादा और इसी तरह हर बुरा काम भी आपस में बराबर नहीं है किसी में कम गुनाह है तो किसी में ज़्यादा।
अच्छे काम 5 तरह के हैं। :
(1) फर्ज़
(2) वाजिब
(3) सुन्नते मुअ़क्किदा
(4) सुन्नते गैरे मुअ़क्किदा
(5) मुस्तहब
और बुरे काम भी पाँच हैं। :
(1) हराम
(2) मकरूहे तहरीमी
(3) इसा'अ़त
(4) मकरूहे तन्ज़ीही
(5) खिलाफे अवला
और एक है "मुबाह" ये ना अच्छा है और ना बुरा यानी इस में सवाब भी नहीं और गुनाह भी नहीं।
*✔️ जारी है.......*
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*🏁 मसलके आला हजरत 🔴*
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