नमाज़ हर मोमिन मुसलमान पर फर्ज है
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*🥀 नमाज़ हर मोमिन मुसलमान पर फर्ज है 🥀*
*✔️ पार्ट 47*
✏️ (38) अगर वुज़ू के दरमियान किसी हिस्से को धोने पर शक हो तो अगर ये ज़िंदगी का पहला वाक़िया है तो उसे धो ले और अगर बार बार ऐसा होता है कि वुज़ू में शक होता है तो ध्यान ना दे और अगर वुज़ू के बाद ऐसा लगता है तो इस पर तवज्जो ना दे।
(39) अगर किसी ने वुज़ू किया था और अब याद नहीं कि वुज़ू टूटा या नहीं तो वो वुज़ू में है, उसे नमाज़ के लिये वुज़ू करने की ज़रूरत नहीं लेकिन कर लेना बेहतर है जबकि उसे ये मालूम हो कि मै वुज़ू से हूँ और नया वुज़ू कर रहा हूँ और अगर उसे वसवसे की वजह से दुबारा वुज़ू करने का मन करता है तो ऐसा हरगिज़ ना करे क्योंकि ये एहतियात नहीं बल्कि शैतान की इता'अ़त है।
जब आपको वुज़ू का टूटना याद नहीं तो आप वुज़ू में हैं लिहाज़ा ज़रूरी नहीं कि वुज़ू करें।
(40) अगर किसी ने वुज़ू नहीं किया था और अब इसे शक है कि मैने किया या नहीं तो वो बे-वुज़ू है, वुज़ू करना ज़रूरी है।
(41) किसी को ये याद है कि वुज़ू करने के लिये बैठा था लेकिन वुज़ू किया या नहीं ये याद नहीं तो उसे वुज़ू करना ज़रूरी नहीं।
(42) ये याद है कि पखाना या पेशाब के लिये बैठा था लेकिन ये याद नहीं कि किया या नहीं तो उसे वुज़ू करना ज़रूरी है।
*जारी है.......*
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*🏁 मसलके आला हजरत ग्रुप 🔴*
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