नमाज़ हर मोमिन मुसलमान पर फर्ज है

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*🥀 नमाज़ हर मोमिन मुसलमान पर फर्ज है 🥀*



*✔️ पार्ट 37*

✏️ वुज़ू ना हो तो नमाज़, नमाज़े जनाज़ा, सजदा -ए- तिलावत और क़ुरआन को छूने के लिये वुज़ू करना फर्ज़ है।

तवाफ़ के लिये वुज़ू करना वाजिब है।

गुस्ले जनाबत से पहले वुज़ू करना, जुनूब (नापाक) शख्स को खाने, पीने और सोने से पहले वुज़ू करना सुन्नत है।

अज़ान, इक़ामत, जुम्आ का खुत्बा, ईद का खुत्बा और रोज़ा -ए- रसूल ﷺ की ज़ियारत के लिये, वुक़ूफ -ए- अरफ़ा, सफ़ा व मरवा के दरमियान सई के लिये वुज़ू करना सुन्नत है।

सोने के लिये और सोकर उठने के बाद वुज़ू करना मुस्तहब है।

मय्यित के नहलाने या उठाने के बाद वुज़ू करना मुस्तहब है।

जिमा (सोहबत) से पहले और जब गुस्सा आये तो वुज़ू करना मुस्तहब है।

*जारी है.......*



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*🏁 मसलके आला हजरत 🔴*

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