क्या दाहिनी जानिब से इक़ामत कहना ज़रुरी है* 06
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*🌹ﺃﻋﻮﺫ ﺑﺎﻟﻠﻪ ﻣﻦ ﺍﻟﺸﻴﻄﺎﻥ ﺍﻟﺮﺟﻴﻢ 🌹ﺑِﺴْــــــــــــــــﻢِﷲِﺍﻟﺮَّﺣْﻤَﻦِﺍلرَّﺣِﻴﻢ*
*🌹السلام علیکم ورحمۃ اللہ وبر ر کا تہ*
*🌹الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
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*_🌙 इस्लामी तारीख_*
*_23/03/1445_*
*_ﷺ ईद मिलादुन्नबी_*
*_⛅ दिन; पीर_*
*_🗓️ अंग्रेजी तारीख_*
*_09/10/2023_*
*_अक्टूबर_*
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*🧮 पोस्ट 226▪️*
*📝 सवाल :-*
*📇 क्या दाहिनी जानिब से इक़ामत कहना ज़रुरी है*
*✍️ जवाब :-*
*📇 आज कल यह ज़रुरी ख़्याल क्या जाता है कि इकामत या तकबीर जो जमाअत क़ाइम करने से पहले मुअज़्ज़िन लोग पढ़ते हैं उस में पढ़ने वाला इमाम के पीछे या दाहिनी तरफ हो और बायें जानिब खड़े हो कर तकबीर पढ़ने को ममनूअ ख्याल करते हैं हालांकि तकबीर बायीं तरफ़ से पढ़ना भी मना नहीं है सय्यिदी आला हज़रत फरमाते हैं कि और इक़ामत की निसबत भी तअय्युने जेहत कि दाहिनी तरफ़ हो या बाईं तरफ फक़ीर की नज़र से न गुज़री -हां इस क़दर कह सकते हैं कि मुहाज़ात इमाम फिर जानिबे रास्त मुनासिब तर है।*
*📚 फ़तावा रज़विया शरीफ जिल्द 2 सफह 465*
*📚 गलत फहमियां और उनकी इस्लाह़ सफह 34*
*👉 नोट -: खुलासा यह कि इमाम के पीछे या दाहिनी तरफ़ से पढ़ना ज़्यादा बेहतर है लेकिन बाईं तरफ से पढ़ना भी जायज़ है,और इस से नमाज़ में कोई कमी नहीं आती और दाहिनी तरफ़ को ज़रुरी ख़्याल करना गलतफहमी है।*
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*💉 अपनी औलादो में आला हज़रत की मोहब्बत डाल दो वरना बड़े होकर अपने मां बाप की कब्र पर जाना भी 😝शिर्क समझेंगे।*
*💓 हैं पुश्त-पनाह ग़ौषे आज़म*
*क्युं डरते हो तुम रज़ा किसी से*
*👏 अल्लाह हमे अपने महबूब हुज़ूर सल्लल्लाहों अलैहि वसल्लम के सदके तुफैल इल्मे दीन सीखने समझने और अमल करने की तौफ़िक अता करे।*
*▪ امیــــــن ▪*
*🔛((((( अगली पोस्ट जल्द )))))*
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*👏🏁 गदा ए फ़कीर रज़वी वारसी चिश्ती क़ादरी हनफ़ी बरेलवी 🔴* *جزاک اللہ خیر*
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